सातवां पहर/मुंगेली – एक ओर जहाँ नगरपालिका की सीमा के अंदर निर्माण कार्यों हेतु शासकीय जमीनों की कमी होने से कई प्रकार के विकास कार्य रुके हुए हैं, वहीं नियमों को ताक पर रखकर सरकार को चुना लगा भूमाफियाओं के द्वारा शासकीय जमीन को अपने नाम मे किये जाने का खेल पुरजोरो पर है।
राज्य शासन के नियमानुसार नगरीय निकाय क्षेत्र में स्थित कच्चे मकान को पक्का एवं पक्के मकान को बाजार मूल्य से 102% अधिक पर फ्री होल्ड करने का नियम सरकार ने बनाया है। इसी तरह नगरीय क्षेत्र की भूमि पर जब तक किसी व्यक्ति का कब्जा सिद्ध नहीं होता हो तब तक उक्त भूमि का मालिकाना हक नगरीय निकाय के पास होता है न कि किसी व्यक्ति विशेष के पास, ठीक इसके विपरित मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत रिक्त भूमि, वर्ग विशेष को आबंटित की जा रही है जो कि शासन के नियमों का सरासर उल्लंघन है।


परिषद में प्रस्ताव पारित होना है जरूरी..
इस मुद्दे को लेकर जहाँ एक ओर कांग्रेस के पार्षदों सहित नेताओ ने जोरदार हल्ला बोल दिया है वहीं दूसरी ओर भाजपा के तरफ से जनहित के मुद्दे में चुप्पी साधे रहना संदेह के घेरे में लाता है। नगर में इस मुद्दे की बड़ी जोरो से चर्चा है, आमजनों के बीच अचानक हुए ऐसे जमीन आबंटन को लेकर सीधा नाराजगी दिख रही है तो वहीं विपक्षी पार्टी भाजपा के तरफ से किसी प्रकार का विरोध ना करना सवालिया निशान उठाता है। आमजन के अनुसार आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि प्रशासन को इतनी हड़बड़ी में आबंटन की प्रक्रिया करनी पड़ी वहीं विपक्षी पार्टी की ऐसी क्या मजबूरी है जिस कारण उनके द्वारा मौन स्वीकृति दी जा रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस के तरफ से इस मुद्दे को लेकर शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता के अनुसार सीएमओ ने इस बात को ध्यान में न रखते हुए की नगरीय क्षेत्र के शासन की किसी भी प्रकार की कोई भी भूमि जिस पर नगर पालिका द्वारा प्रस्तावित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए सुरक्षित रखी जाती है तथा उक्त भूमि को किसी के द्वारा मांगी जाती है तो परिषद में इसका प्रस्ताव लाकर सहमति ली जाती है जबकि सीएमओ द्वारा ऐसा नहीं किया गया है ।
व्यक्ति विशेष को लाभ देने की मंशा का आरोप
भूमि आवंटित की गई है जिनमें से दो व्यक्ति विशेष को अधिक से अधिक प्लाट दिया जा रहा है शेष भूमि पर भी व्यक्ति विशेष ने नाम बदलकर उसे खरीदने का प्रयास किया है जिससे शासन को करोड़ों की क्षति हो रही है।
कार्यवाही न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के पार्षदों और नेताओं द्वारा खुली लड़ाई लड़ने की बात कही जा रही। कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर तीखी नारजगी जताते हुए कहा कि इस तरह सरकारी जमीन को आबंटन करने पर कई प्रकार के निर्माण हो सकते थे, परंतु जनहित के मुद्दों को बगल करते हुए ये आबंटन किया गया है। जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष विनय चोपड़ा ने ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि चूंकि मुंगेली जिला है यहां विकास की असीम संभावनाएं जिला स्तर के अधिकारियों के लिए भूमि की आवश्यकता शासन को पड़ सकती है सार्वजनिक हित में बहुत से आंगनबाड़ी मोहल्ला क्लीनिक लघु वाटिका पार्किंग आदि अन्य व्यवस्था की जानी है नगरपालिका की जा रही है सभी लोग हैं मुनाफा कमा सकते हैं नजूल की उक्त भूमि का आवंटन पूरी तरह से नियमों का पालन नहीं किया गया है कुछ अधिकारियों और भूमाफिया के द्वारा निजी हित में आवंटित की गई है उसे नगर हित में रद्द किया जावे और राशि को जप्त किया जावे साथ ही सभी के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जावे। इस तरह किसी बड़े घोटाले का संदेह जाहिर करते हुए इसकी जांच कराने की मांग की गई है। मामले में किसी तरह की कार्यवाही ना होने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी गई है।
क्या कहा सीएमओ ने
इस विषय में मुख्य नगर पालिका राजेन्द्र पात्रे से जब चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि नगर पालिका को कलेक्टर आफिस से पत्र जारी हुआ था जिसमे एनओसी देने कहा गया था ।
होंगे और भी खुलासे..
जनहित के इस मुद्दे पर हर कड़ी, हर पहलु के साथ इसमें लिप्त लोगों के नाम के साथ जल्द ही बड़ी खबर लगातार आपके सामने सातवां पहर डाॅट काॅम के माध्यम से लाया जाएगा।

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