सातवां पहर/लवन-लक्ष्मीकांत साहू

आपसी प्रेम व भाईचारे का प्रतीक रंगों का त्योहार होली नगर में मंगलवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। होलिका दहन के बाद से ही पारम्परिक तरीके से होली का त्योहार मनाया। शहर से लेकर गांव तक हर उम्र के लोग होली के जश्न में डूबे रहे। कहीं पारंपरिक फाग तो कहीं आधुनिक होली गीत के साथ डीजे पर युवाओं ने जमकर मस्ती की। दिनभर लोगो ने गुलाल लगा कर एक दूसरे को शुभकामनाएं दी। ढोल मजीरा के ताल पर बच्चे से लेकर बुढ़े तक फाग गीत गाते हुए जमकर झूमे। रंग से सराबोर युवाओं व बच्चों की टोली ने नृत्य, गीत आदि से अन्य लोगों का भी मनोरंजन किया। पूजा पाठ व देवी देवताओं होलिका में गुलाल भी चढ़ाया गया। घरों में ठेठरी,कुरमी, सलौनी, पूरी,बड़े, देशी पकवान व अन्य लजीज व्यंजन भी बनाए गए। दोपहर बाद से लोग एक दूसरे के घर जाकर बड़े- बुजुर्गों को गुलाल लगा आशीर्वाद लिया, वहीं हम उम्र लोगों से गले मिल बधाई दी।
इस वर्ष इको फ्रेंडली तरीके से कोरदा, सरखोर, लवन, अहिल्दा, बरदा, चिचिरदा, कोलिहा,चंगोरी,बगबुड़ा, सोलहा, तुरमा, भालुकोना,सहित समीपस्त सभी ग्रामो में शांति पुर्ण होली मनाया गया।

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