सातवां पहर/सक्ती -मनोज यादव
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों का स्थानांतरण कार्यालय कलेक्टर जिला जांजगीर चांपा के आदेश क्रमांक 11369 स्थापना 12 जुलाई 2019 को प्रशासनिक स्तर पर कर दिया गया था लेकिन बताया जा रहा है आज तक वह सक्ती जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमे हुए हैं, जबकि सूत्रों से पता चला है कि वहां 24 पद स्वीकृत है वही 26 लोग अभी कार्यरत हैं उसके बाद भी इनको स्थानांतरण हुए जगह पर नहीं भेजा जाना समझ से परे है। इस विषय में जब जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती मिता मुखर्जी से बात की गई तो उनका कहना था कि यह मेरे कार्यकाल का नहीं है इस मामले में मैं कुछ नहीं बोलना चाहती।

2019 में हो चुका है स्थानांतरण
वहीं इस मामले में राजेश शर्मा प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष सहकारिता प्रकोष्ठ ने जिला शिक्षा अधिकारी से लिखित शिकायत 11 अगस्त 2020 को की है, जिसमें उन्होंने कार्यालय जांजगीर कलेक्टर आदेश क्रमांक 11369 स्थापना दिनांक 12-07-2019 के सरल क्रमांक 94 में रोशन पटेल सहायक ग्रेड 2 का स्थानांतरण कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती जिला जांजगीर चांपा से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टुंडरी (ड) विकासखंड डभरा किया गया था, जिसका पालन आज तक नहीं हुआ है। वहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि इस मामले में कलेक्टर महोदय के आदेश की अवमानना को भी दर्शाता है। उन्होंने आगे यह भी कहा विभाग के हित को सर्वोपरि रखते हुए रोशन पटेल सहायक ग्रेड- दो को शीघ्र भार मुक्त किया जाए।

ग्रीन बोर्ड व फर्नीचर खरीदी का भी है मामला
इन सब मामलों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भारी मनमानी चल रही है, जहां ग्रीन बोर्ड का मामला शांत भी नहीं हो पाया था, वही फर्नीचर खरीदी मामला सामने आ गया और स्थानांतरण का मामला सामने आते ही एक सवाल और जेहन में आता है जिस कर्मचारी का ट्रांसफर 2019 में हो गया था,उसी कर्मचारी ने 30 मार्च 2020 को फर्नीचर खरीदी के लिए लगभग 21 लाख 56 हजार रुपए की फर्नीचर खरीदी का आर्डर भी दे दिया।

आखिर क्यों नही हो रही कार्रवाई
इन सब मामलों को गौर से देखें तो समझ में आता है की सहायक ग्रेड 2 कर्मचारी रोशन पटेल का जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कितना हस्तक्षेप है। शायद यही कारण है कि अधिकारी हमेशा इसे बचाने में लगे रहते हैं।

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